Thursday, April 4, 2019

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मुगले आज़म क्रीम

  • समय से पहले या स्खलन को रोकता है
  • यौन रुचि उत्तेजित करने में सहयता करता है
  • रक्त प्रवाह को वृद्धि करने में मदद करता है
  • पुरुष यौन अंगों के कार्य को बढ़ाता है
  • क्षमता बढ़ाता है तथा आत्मविश्वास
  • ग्रेटर सेक्स ड्राइव प्रदान करता है
  • चिकित्सक द्वारा स्वीकृत और अनुशंसित
  • बहुत आसान शिपिंग और बिलिंग
  • बिना पंप्स, बिना कोई सर्जरी, न ही व्यायाम
  • बिना कोई दुष्प्रभाव के साथ १०० % सुरक्षित
  • लिंग की नसों को मज़बूत बनाने में सहयता करता है
  • यह शक्ति प्रदान करने में और कामेच्छा बढ़ाने में सहयता करता है
  • जीवन शक्ति को पुनर्स्थापित करने में आपकी सहयता करता है
  • अधिक से अधिक यौन आत्मविश्वास और नियंत्रण का एहसास
उत्तेजित अवस्था में शिश्न की लम्बाई ओर मोटाई बहुत हद तक इस बात पर निर्भर करती है कि उत्थान केन्द्र कितना सशक्त है। जैसे ही मस्तिष्क में काम जाग्रत होता है वैसे ही वह उत्थान केन्द्र को लिंग के स्पंजी टिशू में रक्त भेजने का आदेश भेजता है। यदि उत्थान केन्द्र सशक्त है तो वह उसी अनुपात में उतना ही अधिक रक्त लिंग में एकत्रित करने में समर्थ होता है जिसके फलस्वरूप लिंग का आकार उसी अनुपात में बड़ा हो जाता है। अगर उत्थान केन्द्र दुर्बल हो चुका है तो लिंग की लम्बाई, चैड़ाई अपेक्षाकृत कम होती है। नपुंसकता की ओर बढ़ रहे युवकों में जहां काम केन्द्र दुर्बल पड़ जाते हैं वहां उत्थान केन्द्र विशेष रूप से प्रभावित होता है और दुर्बल उत्थान केन्द्र पर्याप्त मात्रा में लिंग में रक्त एकत्रित करने में असमर्थ होने के कारण लिंग का आकार प्राकृत रूप में नहीं आ पाता है। जैसे-जैसे उत्थान केन्द्र की दुर्बलता बढ़ती जाती है वैसे-वैसे लिंग की लम्बाई और चौड़ई कम होती जाती है। उत्तेजित लिंग के सामान्य से कम आकार को देखकर निष्कर्ष निकालना चाहिए कि उत्थान केन्द्र निर्बल हो चुका है। यदि यह दुर्बलता बढ़ती रहती है तो एक अवस्था ऐसी आती है जब उत्थान केन्द्र में बिल्कुल रक्त नहीं भर पाता और परिणामस्वरूप लिंग में उत्थान नहीं होता। इसको ही पूर्ण नपुंसकता कहते हैं। ऐसी अवस्था में मुगले आज़म क्रीम का प्रयोग करने से उत्थान केन्द्र को मज़बूत करता है तथा लिंग के बड़े प्रकोष्ट (कार्पस केवेरनोसम) में रक्त इकट्टा होने लगता है तथा इस क्रीम के प्रयोग से स्पंजी उतक को मजबूती प्राप्त होती है जिससे यह नसों पर दाब बना कर रक्त को वापस बाहर नहीं जाने देता तथा लिंग का आकर को बड़ा तथा खड़ा रखता है

 



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