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स्त्री के ठंडापन
स्त्री के ठंडापन होने में सारा दोष पुरूष को भी नहीं देना चाहिए
क्योंकि कभी कभी स्त्रियों में ठंडापन विवाह से पहले भी होता है जैसे
स्त्री के गर्भाशय व स्त्री यौनांगों में कोई त्रुटि होना, अन्दर की
स्त्रावी ग्रन्थियों की अव्यवस्था, कमजोरी, रक्तविकार,गर्भाधान का भय,
सम्भोग के प्रति गलत दृष्टिकोण या कष्टपूर्ण समागम का असर आदि कई ऐसे बहुत
से शारीरिक व मानसिक कारण हो सकते हैं। जिससे ठंडापन आ जाता है। अतः समझदार
पुरुष को चाहिए कि वह अपनी प्रति के पूरी सहानुभूति रखकर अपने व्यवहार
आचरण व स्नेही वातावरण बनाकर अपनी स्त्री के रोग व कष्टों को जाने तथा
जल्दी ही उचित इलाज द्वारा स्त्री के शारीरिक रोगों व कष्टों को दूर करके
उसका ठंडापन समाप्त करें जिससे स्त्री पुरूष दोनों ही अपनी रति क्रिया का
असर आनन्दपूर्वक व एक दूसरे के सहयोगी बनकर पूरा कर सकें ताकि उनका विवाहित
जीवन सुखमय बन सके। हमारे सफल इलाज से ऐसी अनगिनत स्त्रियां लाभ उठाकर
अपने पति के साथ पूरा सहयोग देकर अपना जीवन वास्तविक रूप से सुखमय बना चुकी
है।
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