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पुरुष के लिंग में उत्तेजना न आना, उत्तेजना आकर शीघ्र ही खत्म हो जाना, उत्तेजना आते ही वीर्य निकल जाना आदि लक्षण नपुंसकता या लिंग शिथिलता के कहलाते हैं। इस प्रकार की परिस्थिति में पुरुष, स्त्री के संपर्क में आने से कतराता है या आता भी है तो शरम महसूस करता है। यौनपरक सम्भोग में पर्याप्त आन्न्द पाने के लिए जब पुरूष का लिंग खड़ा नहीं हो पाता या खड़ा होकर रूक नहीं पाता तो उसे नपुंसकता कहते हैं एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में एक शोध में यह आशंका व्यक्त की गई है जिसमें 2025 तक नपुंसक लोगों की सर्वाधिक संख्या भारत में होगी। इसके लिए जिम्मेवार कारणों में ग्लोबल वार्मिंग समेत भारतीयों की अनियमित जीवन शैली है।
भारतीय पुरुष यदि जल्द ही अपने खान-पान की आदतों में सुधार नहीं लाते हैं और नियमित व्यायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा नहीं बनाते हैं तो 2025 तक दुनिया में सबसे ज्यादा नपुंसक व्यक्ति भारत में होंगे। यह चेतावनी भले ही अच्छी नहीं लगे लेकिन यह कड़वी सच्चाई है कि एशिया में नपुंसकता के शिकार सर्वाधिक व्यक्ति भारत में हैं। हाल में स्वीडन के गोटेबर्ग शहर में संपन्न दसवीं ‘वर्ल्ड कांग्रेस फॉर सेक्सुएल हेल्थ’ में बताया गया कि दुनिया में नपुंसकता के शिकार अधिकतर व्यक्ति एशिया, अफ्रीका और उत्तर अमेरिका में हैं।
पुरुष के लिंग में उत्तेजना न आना, उत्तेजना आकर शीघ्र ही खत्म हो जाना, उत्तेजना आते ही वीर्य निकल जाना आदि लक्षण नपुंसकता या लिंग शिथिलता के कहलाते हैं। इस प्रकार की परिस्थिति में पुरुष, स्त्री के संपर्क में आने से कतराता है या आता भी है तो शरम महसूस करता है। यौनपरक सम्भोग में पर्याप्त आन्न्द पाने के लिए जब पुरूष का लिंग खड़ा नहीं हो पाता या खड़ा होकर रूक नहीं पाता तो उसे नपुंसकता कहते हैं एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में एक शोध में यह आशंका व्यक्त की गई है जिसमें 2025 तक नपुंसक लोगों की सर्वाधिक संख्या भारत में होगी। इसके लिए जिम्मेवार कारणों में ग्लोबल वार्मिंग समेत भारतीयों की अनियमित जीवन शैली है।
भारतीय पुरुष यदि जल्द ही अपने खान-पान की आदतों में सुधार नहीं लाते हैं और नियमित व्यायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा नहीं बनाते हैं तो 2025 तक दुनिया में सबसे ज्यादा नपुंसक व्यक्ति भारत में होंगे। यह चेतावनी भले ही अच्छी नहीं लगे लेकिन यह कड़वी सच्चाई है कि एशिया में नपुंसकता के शिकार सर्वाधिक व्यक्ति भारत में हैं। हाल में स्वीडन के गोटेबर्ग शहर में संपन्न दसवीं ‘वर्ल्ड कांग्रेस फॉर सेक्सुएल हेल्थ’ में बताया गया कि दुनिया में नपुंसकता के शिकार अधिकतर व्यक्ति एशिया, अफ्रीका और उत्तर अमेरिका में हैं।
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