Wednesday, January 30, 2019

http://www.hindi.ind.in/leukorrhea.html

योनि मार्ग से सफेद, चिपचिपा गाढ़ा स्राव होना आज मध्य उम्र की महिलाओं की एक सामान्य समस्या हो गई है। सामान्य भाषा में इसे सफेद पानी जाना कहते हैं. भारतीय महिलाओं में यह आम समस्या प्रायः बिना चिकित्सा के ही रह जाती है। सबसे बुरी बात यह है कि इसे महिलाएँ अत्यंत सामान्य रूप से लेकर ध्यान नहीं देती, छुपा लेती हैं श्वेत प्रदर में योनि की दीवारों से या गर्भाशय ग्रीवा से श्लेष्मा का स्राव होता है, जिसकी मात्रा, स्थिति और समयावधि अलग-अलग स्त्रियों में अलग-अलग होती है। यदि स्राव ज्यादा मात्रा में, पीला, हरा, नीला हो, खुजली पैदा करने वाला हो तो स्थिति असामान्य मानी जाएगी। इससे शरीर कमजोर होता है और कमजोरी से श्वेत प्रदर बढ़ता है। इसके प्रभाव से हाथ-पैरों में दर्द, कमर में दर्द, पिंडलियों में खिंचाव, शरीर भारी रहना, चिड़चिड़ापन रहता है। इस रोग में स्त्री के योनि मार्ग से सफेद, चिपचिपा, गाढ़ा, बदबूदार स्राव होता है, इसे वेजाइनल डिस्चार्ज कहते हैं।
श्वेत प्रदर या ल्यूकोरिआ या लिकोरिआ (Leukorrhea) या “सफेद पानी आना” स्त्रिओं का एक रोग है जिसमें स्त्री-योनि से असामान्य मात्रा में सफेद रंग का गाढा और बदबूदार पानी निकलता है और जिसके कारण वे बहुत क्षीण तथा दुर्बल हो जाती है। महिलाओं में श्वेत प्रदर रोग आम बात है। ये गुप्तांगों से पानी जैसा बहने वाला स्त्राव होता है। यह खुद कोई रोग नहीं होता परंतु अन्य कई रोगों के कारण होता है। श्वेत प्रदर वास्तव में एक बीमारी नहीं है बल्कि किसी अन्य योनिगत या गर्भाशयगत व्याधि का लक्षण है; या सामान्यतः प्रजनन अंगों में सूजन का बोधक है।

Monday, January 28, 2019

http://www.hindi.ind.in/yoni.html

महिलाओं योनि के सही आकार की समस्या का सामना. अक्सर बच्चे के जन्म के बाद योनि से आकार बदल जाता है. योनि ढीली होकर फ़ेल जाया करती है। महिलाओं को अक्सर योनि की समस्या का सामना रजोनिवृत्ति या अक्सर सेक्स की वजह से होता है.अत्यधिक कामुक स्थिति में पति या पार्टनर द्वारा तेज गति से संभोग करने,अप्राकृतिक एवं असुविधाजनक सेक्स-आसनों (sex positions) में बर्बरतापूर्वक सेक्स करने से ,कई बार-प्रसव होने के अलावा शारीरिक दुर्बलता व शिथिलता जैसे कारणों की उपस्थिति में स्त्री की योनि ढीली होकर फ़ेल जाया करती है। इससे स्त्री-पुरुष दोनो ही संभोग क्रिया में अपेक्षित आनंद की अनुभूति नहीं कर पाते हैं।
बेडोल पुरुष विकल्प के तौर पर अन्य स्त्री के साथ समीकरण बैठा लेते हैं और गृहस्थी जीवन मे सुख,शांति,आनंद का अभाव पसरने लगता है। समय रहते योनि प्रसारण और ढीलेपन को नियंत्रित कर नव योवना के समान योनि के आकार प्रकार को पुन: स्थापित करने के लिये स्त्रियों को निम्न उपायों का सहारा लेना लाभदायक रहेगा। पेशाब करते समय स्त्री कुछ समय के लिये पेशाब को रोके फ़िर चालू करे ऐसा एक बार के पेशाब के दौरान ३-४ बार करने से योनि की पेशियां सुद्रड बनती हैं। वज्रासन की स्थिति में बैठकर शंखचालिनी मुद्रा और मूल बंध लगाने का अभ्यास नियमित करने से योनि संकोच होता है। सभी नुस्खे अनुभूत और पूरी तरह कारगर हैं।हां, ये नुस्खे सभी एक साथ नहीं बल्कि सुविधानुसार एक-एक नुस्खा इस्तेमाल करना चाहिये।
यह महत्वपूर्ण है कि आकार में योनि रखना. योनि आकर के फ़ैल जाने से उनको कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ता है कभी कभी, महिलाओं को रोक उनकी विकृत योनि आपके यौन जीवन बहुत अधिक असहज लगने लगता है . योनि क्रीम का प्रयोग करें उत्तेजना योनि ओर्गास्म्स और योनि होंठ का सटीक आकार बढ़ा सकते हैं


Sunday, January 27, 2019

http://www.hindi.ind.in/napunsak.html


पुरुष के लिंग में उत्तेजना न आना, उत्तेजना आकर शीघ्र ही खत्म हो जाना, उत्तेजना आते ही वीर्य निकल जाना आदि लक्षण नपुंसकता या लिंग शिथिलता के कहलाते हैं। इस प्रकार की परिस्थिति में पुरुष, स्त्री के संपर्क में आने से कतराता है या आता भी है तो शरम महसूस करता है। यौनपरक सम्भोग में पर्याप्त आन्न्द पाने के लिए जब पुरूष का लिंग खड़ा नहीं हो पाता या खड़ा होकर रूक नहीं पाता तो उसे नपुंसकता कहते हैं एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में एक शोध में यह आशंका व्यक्त की गई है जिसमें 2025 तक नपुंसक लोगों की सर्वाधिक संख्या भारत में होगी। इसके लिए जिम्मेवार कारणों में ग्लोबल वार्मिंग समेत भारतीयों की अनियमित जीवन शैली है।
भारतीय पुरुष यदि जल्द ही अपने खान-पान की आदतों में सुधार नहीं लाते हैं और नियमित व्यायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा नहीं बनाते हैं तो 2025 तक दुनिया में सबसे ज्यादा नपुंसक व्यक्ति भारत में होंगे। यह चेतावनी भले ही अच्छी नहीं लगे लेकिन यह कड़वी सच्चाई है कि एशिया में नपुंसकता के शिकार सर्वाधिक व्यक्ति भारत में हैं। हाल में स्वीडन के गोटेबर्ग शहर में संपन्न दसवीं ‘वर्ल्ड कांग्रेस फॉर सेक्सुएल हेल्थ’ में बताया गया कि दुनिया में नपुंसकता के शिकार अधिकतर व्यक्ति एशिया, अफ्रीका और उत्तर अमेरिका में हैं।


Friday, January 25, 2019

http://www.hindi.ind.in/lamba-ling.html


अपने छोटे लिंग को कैसे बड़ा करे ?
सर्वश्रेष्ठ तरीका सिकंदर-ए-आज़म प्लस हर्बल कैप्सूल है

Sunday, January 13, 2019

http://www.hashmidawakhana.net/consultation-of-childlessness-in-hindi/

Saturday, January 12, 2019

http://www.hashmidawakhana.net/consultation-of-childlessness-in-hindi/

निसंतान लोगों के जरूर परामर्श

विवाह के बाद हर स्त्री पुरूष की यही इच्छा होती है कि उनके घर भी एक नन्हा मुन्ना शिशु फूल के रूप में उनकी गृहस्थी की बगिया में खिले।n पुरुष की कामना यही रहती है कि उस शिशु के रूप में उसकी वंश बेल विकसित हो तथा पीढ़ी दर पीढ़ी उसका भी नाम चलता रहे लेकिन संतान न होने पर घर की खुशी, कलह और अशांति में बदल जाती है। कई भोले-भाले लोग तो ढोंगी साधु संतों व ताबीज गण्डों के चक्कर में पड़कर अपना समय और पैसा व्यर्थ में ही गवां देते हैं। जिनके यहां संतान नहीं होती उन्हें पहले सन्तान न होने के कारण स्त्री को ही दोष देते हैं लेकिन दोष स्वयं में ही होता है और व संतान के लिए दूसरी शादी भी कर लेते हैं। ऐसी स्थिति जिन्दगी को और भी अधिक अस्त व्यस्त कर देती है। नि:सन्तान लोगों को हमारा यही परामर्श है कि सबसे पहले पति पत्नी दोनों अपना भली भांति शारीरिक जांच व जरूरी टेस्ट करवाएं ताकि असली दोष का पता चल सके फिर उसी दोष का उपयुक्त इलाज किसी योग्य चिकित्सक से कराएं ताकि उनको जल्दी ही सन्तान सुख प्राप्त हो सके। यमं तो जह जगह आपको संतान प्राप्ति के बड़े बड़े विज्ञापन देखने को मिल जाएंगे लेकिन असली इलाज वही जिससे कुछ लाभ की आशा मिले इसके लिए हम आपको सही और उचित परामर्श देंगे तथा हमारा यही उद्देश्य रहेगा कि आप इधर उधर न भटकें व्यथ में अपना समय और पैसे बर्बाद न करें तथा सही लाभ व सही दिशा ज्ञान प्राप्त कर सकें।

Friday, January 11, 2019

http://www.hashmidawakhana.net/female-frigidity-in-hindi/

स्त्री के ठंडापन

स्त्री के ठंडापन होने में सारा दोष पुरूष को भी नहीं देना चाहिए क्योंकि कभी कभी स्त्रियों में ठंडापन विवाह से पहले भी होता है जैसे स्त्री के गर्भाशय व स्त्री यौनांगों में कोई त्रुटि होना, अन्दर की स्त्रावी ग्रन्थियों की अव्यवस्था, कमजोरी, रक्तविकार,गर्भाधान का भय, सम्भोग के प्रति गलत दृष्टिकोण या कष्टपूर्ण समागम का असर आदि कई ऐसे बहुत से शारीरिक व मानसिक कारण हो सकते हैं। जिससे ठंडापन आ जाता है। अतः समझदार पुरुष को चाहिए कि वह अपनी प्रति के पूरी सहानुभूति रखकर अपने व्यवहार आचरण व स्नेही वातावरण बनाकर अपनी स्त्री के रोग व कष्टों को जाने तथा जल्दी ही उचित इलाज द्वारा स्त्री के शारीरिक रोगों व कष्टों को दूर करके उसका ठंडापन समाप्त करें जिससे स्त्री पुरूष दोनों ही अपनी रति क्रिया का असर आनन्दपूर्वक व एक दूसरे के सहयोगी बनकर पूरा कर सकें ताकि उनका विवाहित जीवन सुखमय बन सके। हमारे सफल इलाज से ऐसी अनगिनत स्त्रियां लाभ उठाकर अपने पति के साथ पूरा सहयोग देकर अपना जीवन वास्तविक रूप से सुखमय बना चुकी है।

Wednesday, January 9, 2019

http://www.hashmidawakhana.net/azoospermia-nil-sperm-in-hindi/

शुक्रहीनता

कई पुरुषों को यौन सम्बन्धी कोई रोग नहीं होता तथा सहवास के समय उनके शिशन में उत्तेजना व तनाव भी सामान्य व्यक्ति जैसा ही होता है। सम्भोग शक्ति भी पूर्ण होती है किन्तु उनके वीर्य में संतान उत्पन्न करने वाले शुक्राणु या तो बिल्कुल ही नहीं होते या बहुत कमजोर एवं मंदगति से चलने वाले होते हैं जिससे पुरुष संतान उत्पन्न करने योग्य नहीं माना जाता सकता। कई बार इस रोग के साथ व्यक्ति की पिछली गलतियों के कारण या अत्यधिक वीर्य नाश के कारण और भी कई रोग लगे हुए होते हैं तो ऐसे रोगों के लिए यूनानी एवं शक्तिशाली नुस्खों द्वारा तैयार इलाज सबसे बेहतर माना जाता है। हमारे ऐसे ही सफल इलाज में असंख्य रोगी भाई जो निराश होकर संतान पैदा करने की चाहत ही मन में से निकाल चुके थे अब व निराशा को आशा में बलकर संतान पैदा करने योग्य बन चुके हैं।

सुजाक :

यह रोग भयानक एवं छूत का रोग है यह रोग गन्दी स्त्रियों व वेश्याओं के साथ सम्भोग करने से होता है। इसकी निशानी यह है कि सम्भोग के कुछ दिन बाद रोगी के पेशाब में जलन होनी शुरू हो जाती है। पेशाब लाल और गर्म आता है पेशाब करते इतनी जलन होती है कि रोगी सचमुच कराहने लगता है। कुछ दिनों के बाद गुप्त इंद्री में से पीप निकलनी शुरू हो जाती है और कभी कभी पेशाब के साथ खून भी आना शुरू हो जाता है। ज्यों ज्यों यह रोग पुराना होता है दर्द जलन एवं चुभन घटती जाती है। केवल पीप बहता रहता है। यह पीप इतना जहरीला होता है कि यदि बेध्यानी में किसी रोगी की आंख पर लग जाए तो अन्धा होने की आशंका रहती है। इस रोग के कीटाणु धीरे धीरे रक्त मे प्रवेश करके अन्य अंगों पर भी असर डालते है। यदि रोग के जरा भी लक्षण दिखाई दें तो आप तुरंत चिकित्सा कराएं। हमारे इलाज से इस रोग के अनेकों रोगी ठीक होकर तन्दुरूस्त जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

Tuesday, January 8, 2019

http://www.hashmidawakhana.net/sex-is-medicine-for-many-diseases-in-hindi/

अनेक रोगों की दवा-सैक्स

सैक्स अनेक रोगों की दवा भी है। जहां पर विवाहित जीवन में सैक्स एक दूजे के बीच सुख, आनंद, अपनापन लाता है, वहीं एक दूजे के स्वास्थ्य एवं सौन्दर्य को भी बनाए रखता है। सैक्स से शरीर में अनेक प्रकार के हार्मोन्स उत्पन्न होते हैं, जो शरीर के स्वास्थ्य एवं सौन्दर्य को बनाए रखने में सहायक होते हैं। सैक्स में एंडार्फिन हार्मोन की मात्रा बढ जाती है, जिससे त्वचा सुंदर, चिकनी, व चमकदार बनती है। एस्टोजन हार्मोन शरीर के लिए चमत्कार है, जो एक अनोखे सुख की अनुभूति कराता है। उनमें उत्तेजना, उत्साह, उमंग और आत्मविश्वास भी अधिक होता है। सैक्स से परहेज करने वाले शर्म, संकोच व तनाव से पीडि़त रहते हैं। दिमाग को तरोताजा रखने व तनाव को दूर करने के लिए नियमित सैक्स एक अच्छा उपाय है। सैक्स हृदय रोग, मानसिक तनाव, रक्तचाप और दिल के दौरे से दूर रखता है। सैक्स से दूर भागने वाले इन रोगों से अधिक पीडि़त रहते हैं।
सैक्स एक प्रकार का व्यायाम भी है। इसके लिए खास किस्म के सूट, शूज या मंहगी एक्सरसाइज सामग्री की आवश्यकता नहीं होती। सैक्स व्यायाम, शरीर की मांसपेशियों के खिंचाव को दूर करता है और शरीर को लचीला बनाता है। एक बार संभोग क्रिया करने से, किसी थका देने वाले व्यायाम या तैराकी के 10-20 चक्करों से अधिक असरदार होती है। सैक्स विशेषज्ञों के अनुसार मोटापा दूर करने के लिए सैक्स काफी सहायक सि( होता है। सैक्स से शारीरिक ऊर्जा खर्च होती है, जिससे कि चर्बी घटती है। एक बार की संभोग क्रिया में 100 से 500 कैलोरी ऊर्जा खर्च होती है।
आह, उह, आउच, कमरदर्द, पीठ दर्द, गर्दन दर्द से परेशान पत्नी आज नहीं, अभी नहीं करती हैं, लेकिन यदि वह बिना किसी भय के पति के साथ संभोग क्रिया में शामिल हो जाए तो उसके दर्द को उड़न छू होने में देर नहीं लगती । सिर दर्द, माइग्रेन, दिमाग की नसों में सिकुड़न, उन्माद, हिस्टीरिया आदि का सैक्स एक सफल इलाज है। अनिद्रा की बीमारी में बिस्तर पर करवट बदलने या बालकनी में रातभर टहलने के बजाए बेड पर बगल में लेटी या लेटे साथी से सैक्स की पहल करें, फिर देखें कि खर्राटें आने में ज्यादा देर नहीं लगती। नियमित रूप से संभोग क्रिया में पति को सहयोग देने वाली स्त्री माहवारी के समस्त विकारों से दूर रहती है। रात्रि के अन्तिम पहर में किया गया सैक्स दिनभर के लिए तरोताजा कर देता है। सैक्स को सिर्फ यौन सम्बन्ध तक ही सीमित न रखें। इसमें अपनी दिनचर्या की छोटी-छोटी बांते, हंसी-मजाक, स्पर्श, आलिंगन, चुंबन आदि को शामिल करें। संभोग क्रिया तभी पूर्ण मानी जाएगी। सैक्स के बारे में यह बात ध्यान रखें कि अपनी पत्नी के साथ या अपने पति के साथ किया गया सैक्स स्वास्थ्य एवं सौंदर्य को बनाए रखता है। इस प्रसंग में यह बात विशेष ध्यान देने योग्य है कि जहां विवाहित जीवन में पत्नी के साथ संभोग क्रिया अनेक तरह से लाभप्रद है, वहीं अवैध रूप से वेश्याओं व बाजारू औरतों के साथ बनाए गये सैक्स सम्बन्धों से अनिद्रा, हृदय रोग, मानसिक विकार, ठंडापन, सिफलिस, सुजाक, गनेरिया, एड्स जैसी अनेक प्रकार की बीमारियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। यदि आप सफल व संतुष्टिदायक सैक्स करने में असमर्थ हैं और सैक्स से सम्बन्धित किसी भी कमजोरी या शिकायत से परेशान हैं तो बेझिझक मिलें।

Sunday, January 6, 2019

http://www.hashmidawakhana.net/how-is-penile-enlargement-possible-in-hindi/

लिंग में वृद्धि कैसे सम्भव है?

जब कोई व्यक्ति सैक्स से सम्बन्धित कामुक चिन्तन करता है या कोई अश्लील किताब, या उसके बारे में सोचता है, या स्त्री से सम्भोग की इच्छा रखता है तो उसके मस्तिष्क कुछ विशेष हार्मोन का स्रवण करते हैं जो लिंग में रक्त के प्रवाह को तीव्र कर देता है और काॅर्पस केवेरनोसम नामक ऊतक में रक्त इकट्ठा होकर लिंग का आकार बढ़ा देता है। पूर्ण उत्तेजित अवस्था में लिंग के इन उतकों में रक्त अपनी अधिकतम मात्रा में होता है। इस अवस्था में लिंग अधिक ठोस, दृढ़ व सीधा हो जाता है। वीर्य स्खलन के समय जब व्यक्ति मानसिक रूप से संतुष्ट हो जाता है तो दूसरे हार्मोन काॅपर्स स्पोन्जियोसम को उत्तेजित करते है जो वीर्य को वेग व गति प्रदान करते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में किसी भी कमी की वजह से पूरा तंत्र ही गड़बड़ा जाता है।
पतले, टेढे, छोटे व आगे से मोटे व पीछे से पतले लिंग उक्त पूरी प्रक्रिया में किसी न किसी दोष से पीडि़त होते हैं। इस प्रकार के लिंग वाले लोगों में केवेरनोसम और स्पान्जियोसम की कोशिकाऐं पूरी तरह से सुगठित नहीं होती जिनसे इनमें अधिक रक्त ग्रहण करने की क्षमता व इन कोशिकाओं में अधिक समय तक रक्त रोके रखने की क्षमता नहीं होती।
हमारे हर्बल खाने व लगाने के इलाज से काॅर्पस केवेरनोसम और काॅपर्स स्पाॅन्जियोसम ऊतकों में वृद्धि होती है, इन ऊतकों की कोशिकाओं का आकार बढ जाता है जिनमें रक्त इकट्ठा होता है जिसके फलस्वरूप लिंग के आकार में वृद्धि होती है और इसके साथ-साथ लिंग में उत्थान क्षमता भी बढ़ जाती है।
इस इलाज से 20-30 प्रतिशत लिंग आयतन वृद्धि सम्भव है तथा लिंग में .5 इंच से 2 इंच तक की वृद्धि हो जाती है। लिंग के इन ऊतकों व पेशी को सुगठित करने के लिए हर्बल इलाज की आवश्यकता होती है जिससे शीघ्र लाभ होता है। इस इलाज से शीघ्रपतन दूर होता है, नपुंसकता व यौन समस्याओं से मुक्ति, लिंग की लम्बाई व मोटाई में वृद्धि, वीर्य में शुक्राणुओं की वृद्धि, प्रोस्टेट ग्रन्थि की कार्यक्षमता को बढ़ाता है, बार-बार पेशाब से छुटकारा होता है, यौन क्षमता बढ़ाता है, लिंग में पूर्ण कठोरता व उत्तेजना होती है, आत्मविश्वास बढ़ाता है, टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की वृद्धि करता है। इस इलाज का कोई साईड इफैक्ट भी नहीं होता है।
वैक्यूम पम्प लिंग वर्धक यंत्र से भी लिंग के आकार में वृद्धि की जाती है। इसमें एक सिलिंडर होता है जिसमें लिंग को रखकर निर्वात ;टंबनउमद्ध पैदा किया जाता है। जिससे लिंग में रक्त आकर इकट्ठा हो जाता है। इस प्रकार लिंग का आकार अपने वास्तविक आकार से बड़ा हो जाता है।

Saturday, January 5, 2019

Masturbation, Misery Of A Failed Man | In Hindi

एक असफल पुरुष का दुख, हस्तमैथुन

कई दिन पहले मैं अपने दवाखाने में हमेशा की तरह अपने रोगी भाइयों को देख रहा था तो उनमें एक रोगी काफी निराश उदास व सहमा हुआ सा बैठा था। जब उसकी बारी आई तो मैंने उससे सबसे पहले यही पूछा कि तुम इतने घबराये हुए क्यों हो तो उस युवक रोगी का सब्र बांध टूट गया तथा उसकी आंखें में आंसू छलछला आए। मैंने उसे पूरी तसल्ली दी तथा मैंने कहा कि अपनी परेशानी बताओ तथा चिन्ता की कोई बात नहीं है तब उसने बताया कि मैं एक सम्मानित मध्यवर्गीय परिवार से सम्बन्ध रखता हूं तथा अभी थोड़े ही दिन हुए अपनी काॅलेज की पढ़ाई पूरी की है। अतः अपने विद्यार्थी जीवन में गलत संगत में पड़ गया। हस्तमैथुन भी किया। जब कुछ समझ आई तो हस्तमैथुन की इच्छा को दबाया तथा स्वप्नदोष होने लगा फिर पेशाब में लार सी निकलने लगी जिससे मुझे बेहद कमजोरी महसूस होने लगी। उठते-बैठते शरीर दर्द, चक्कर, अंधेरा व सांस फूलने तथा दिन भर सुस्ती छायी रहती है, किसी काम में मन नहीं लगता। चूूंकि अब मैं व्यस्क हो या हूं मेरे माता पिता मेरी शादी करने पर जोर दे रहे हैं लेकिन न जाने क्यों मैं शादी के नाम से परेशान हो गया हूं क्योंकि मैं अपने आपको उपरोक्त कमजोरियों के कारण विवाह योग्य नहीं समझता और न ही यह चाहता हूं कि मेरी कमजोरी व हालत की वजह से मेरी आने वाली पत्नी का जीवन भी दुखमय हो जाये अतः मैं आपका नाम व इलाज की प्रशंसा सुनकर आपके पास आया हूं। मैंने उसकी पूरी हालत जानकर उसकी पूरी तरह शारीरिक जांच की। अब वह बिल्कुल ठीक बोल रहा था। वास्तव में ही वह अपनी अज्ञानता वश अपनी जवानी को दोनों हाथों से लुटाकर अपने पुरुषत्व में घुन लगवा चुका था। मैंने उसे अपना परामर्श यिा तथा पूरी लगन व मेहनत से असली व नायाब नुस्खों द्वारा उसका इलाज तैयार करवाया जिसके सेवन से उसकी खोई हुई शारीरिक व मर्दाना शक्ति उसे दोबारा मिलनी शुरू हो गई। एक महीने के बाद ही उसकी शाी हो गई तथा पहली रात से अब तक पूरी तरह सन्तुष्ट है तथा अपने विवाहित जीवन का भरपूर लुफ्त उठा रहा है।
इसी प्रकार के अनेकों रोगी भाई स्वयं हमारे पास आकर या अपनी पूरी हालत पत्र में लिखकर अपना इलाज प्राप्त करते हैं जिनके सेवन से व पूरी तरह से स्वस्थ व निरोग होकर हमारे इलाज की प्रशंसा करना नहीं भूलते। आ भी मिले या लिखें, पत्र व्यवहार पूर्णतः गुप्त रखा जाता है। प्रत्येक पत्र को ध्यान से पढ़कर रोगी की पूरी हालत पर विचार करने के बाद ही परामर्श या इलाज संभव होता है।
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Friday, January 4, 2019

केसर कस्तूरी वाला हाशमी हाई पावर कोर्स नया खून पैदा करके न केवल कमजोरी दूर करता है, बल्कि प्रेमह रोग, स्वप्नदोष, शीघ्रपतन नष्ट कर कमर, गुर्दो व जिस्म में जबर्दस्त ताकत बढ़ाता है, खोई हुई सेहत, ताकत जवानी वापस लाने के लिए दुनियां के कोने कोने में हाशमी हाई पावर कोर्स के पार्सल रोजाना जाते हैं तथा लाखों लोग हाशमी हाई पावर इलाज से नया जीवन व्यतीत कर रहे हैं कमजोरी चाहे किसी भी कारण हो कमजोर से कमजोर इंसान बूढ़े तथा विवाहित भी सेहत, ताकत, जवानी प्राप्त कर सकते हैं, स्वस्थ नवयुवक भी हाशमी हाई पावर कोर्स का प्रयोग करके अपनी ताकत कई ुना बढ़ सकते हैं। वीर्य शहद की तरह गाढ़ा हो जाता है शरीर की सारी कमजोरी दूर होकर शरीर हष्टपुष्ट होकर ताकतवर व फुर्तीला हो जाता है, मुर्दा से मुर्दा नसों, नाडि़यों में खोई ताकत फिर से प्राप्त करने के लिए तिला इरानी हाशमी हाई पावर कोर्स के साथ होने पर सोने पर सुहागे का काम करता है यह कोर्स बिल्कुल शु( मौलिक एवं अत्यन्त बहुमूल्य औषधियों से तैयार किया जाता है हाशमी हाई पावर कोर्स का मूल्य मौसम, आयु, रोग अनुसार।
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