Saturday, March 16, 2019

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बांझपन, प्रजनन प्रणाली की एक बीमारी है जिसके कारण किसी महिला के गर्भधारण में विकृति आ जाती है। गर्भधारण एक जटिल प्रक्रिया है जो कई बातों पर निर्भर करती है- पुरुष द्वारा स्वस्थ शुक्राणु तथा महिला द्वारा स्वस्थ अंडों का उत्पादन, अबाधित गर्भ नलिकाएं ताकि शुक्राणु बिना किसी रुकावट के अंडों तक पहुंच सके, मिलने के बाद अंडों को निषेचित करने की शुक्राणु की क्षमता, निषेचित अंडे की महिला के गर्भाशय में स्थापित होने की क्षमता तथा गर्भाशय की स्थिति।
अंत में गर्भ के पूरी अवधि तक जारी रखने के लिए गर्भाशय का स्वस्थ होना और भ्रूण के विकास के लिए महिला के हारमोन का अनुकूल होना जरूरी है। इनमें से किसी एक में विकृति आने का परिणाम बांझपन हो सकता है।
बांझपन क्यों होता है ?
पुरुषों में प्रजनन क्षमता में कमी का सबसे सामान्य कारण शुक्राणु का कम या नहीं होना है। कभी-कभी शुक्राणु का गड़बड़ होना या अंडों तक पहुंचने से पहले ही उसका मर जाना भी एक कारण होता है। महिलाओं में बांझपन का सबसे सामान्य कारण मासिक-चक्र में गड़बड़ी है। इसके अलावा गर्भ-नलिकाओं का बंद होना, गर्भाशय में विकृति या जननांग में गड़बड़ी के कारण भी अक्सर गर्भपात हो सकता है।
बाँझपन के मुख्य कारण
पुरूष के सम्पूर्ण स्वास्थ्य एवं जीवन शैली का प्रभाव शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ता है। जिन चीज़ों से शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता घटती है !
  • अंडे की गुणवत्ता
  • अवरुद्ध अण्डवाही ट्यूबें
  • असामान्य हार्मोन के स्तर
  • जीवन शैली
  • यौन संचारित रोग
  • मोटापा
  • शुक्राणु बनने की समस्य – बहुत कम शुक्राणू या बिलकुल नहीं।
  • मदिरा, ड्रग्स एवं सिगरेट पीना
  • वातावरण का विषैलापन जैसे कीटनाशक दवाएं

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